Pollution in Chandigarh: हवा में घुला जहर, AQI ने छुआ 380 का आंकड़ा, पार्कों में सैर करना हो सकता है खतरनाक
Pollution in Chandigarh: चंडीगढ़ में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रशासन ने शहर में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन मंगलवार को प्रदूषण का स्तर सोमवार के मुकाबले और बढ़ गया। बुधवार सुबह, चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 380 तक पहुँच गया, जो कि एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
प्रदूषण से बचने के लिए प्रशासन ने उठाए कदम
चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की सिफारिशों को लागू किया है। इस योजना के तहत प्रदूषण की स्थिति के आधार पर विभिन्न कदम उठाए जाते हैं, जैसे निर्माण कार्यों को बंद करना, जलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाना, और ट्रैफिक को नियंत्रित करना। हालांकि, इन उपायों के बावजूद प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और इसका सीधा असर शहरवासियों की सेहत पर पड़ रहा है।
चंडीगढ़ का AQI 380 के पार
बुधवार सुबह चंडीगढ़ का AQI 380 के आंकड़े को पार कर गया, जो प्रदूषण के खतरनाक स्तर को सूचित करता है। यह स्तर बहुत ही खतरनाक है और इसपर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर सुबह के समय, जब लोग पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सैर करने के लिए निकलते हैं, उन्हें प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण सांस की बीमारियों, आंखों में जलन और त्वचा पर असर डाल सकता है। लोग जो पहले से श्वसन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें इस प्रदूषण से और भी अधिक परेशानी हो सकती है। इस स्थिति में, प्रशासन ने लोगों को घर के अंदर रहने और बाहर जाने से बचने की सलाह दी है, खासकर उन लोगों को जो अस्थमा, ब्रोन्काइटिस या अन्य श्वसन संबंधी रोगों से पीड़ित हैं।
चंडीगढ़ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल
चंडीगढ़ अब देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है। वर्तमान में पूरे देश में केवल चार शहर हैं, जिनका AQI रेड जोन में है, और चंडीगढ़ इनमें से एक है। चंडीगढ़ इस समय देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जबकि अन्य शहरों का प्रदूषण स्तर ऑरेंज और येलो जोन में है।
चंडीगढ़ के प्रदूषण का स्तर इस हद तक बढ़ चुका है कि यह अब एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार, चंडीगढ़ का प्रदूषण स्तर खतरनाक हो गया है, जिससे शहरवासियों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
क्या हैं प्रदूषण के कारण?
चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है वाहनों का अत्यधिक प्रदूषण, धूल और कचरे की जलाने वाली गतिविधियाँ, और निर्माण कार्यों में बढ़ोतरी। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्रों से हवा के माध्यम से आने वाला धुंआ भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है। खासकर सर्दी के मौसम में, जब हवा की गति धीमी हो जाती है, तो प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है।
प्रशासन की ओर से चेतावनी
चंडीगढ़ प्रशासन ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि वे इस समय बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय, जब हवा में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। इसके अलावा, प्रशासन ने स्वास्थ्य मंत्रालय से भी सलाह ली है और डॉक्टरों को विशेष निर्देश दिए हैं कि वे प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों का उपचार जल्दी से करें।
इससे बचने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, कचरे की जलाने वाली गतिविधियों पर सख्ती से रोक, और वाहनों की संख्या को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, यह कदम तब तक पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो सकते जब तक जनता इस दिशा में सहयोग नहीं करती।
प्रदूषण से बचने के उपाय
- घर के अंदर रहें: यदि आपको बाहर जाना न हो, तो घर के अंदर रहें।
- मास्क का प्रयोग करें: जब भी बाहर जाएं, तो मास्क पहनें ताकि प्रदूषण से बचा जा सके।
- प्रदूषण के स्तर की जानकारी रखें: दैनिक रूप से AQI चेक करें और जरूरत पड़े तो बाहर न निकलें।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: यदि प्रदूषण के कारण आपको सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
चंडीगढ़ में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए प्रशासन और नागरिक दोनों को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि शहरवासियों की सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।